*🌾बाजरा खाइए, हड्डियों के रोग नहीं होंगें।
🌾बाजरे की रोटी का स्वाद जितना अच्छा है, उससे अधिक उसमें गुण भी हैं।
🌾- बाजरे की रोटी खाने वाले को हड्डियों में कैल्शियम की कमी से पैदा होने वाला रोग *आस्टियोपोरोसिस* और खून की कमी यानी *एनीमिया* नहीं होता।
🌾- बाजरा *लीवर* से संबंधित रोगों को भी कम करता है।
🌾- गेहूं और चावल के मुकाबले बाजरे में *ऊर्जा* कई गुना है।
🌾- बाजरे में भरपूर कैल्शियम होता है जो हड्डियों के लिए रामबाण औषधि है। उधर *आयरन* भी बाजरे में इतना अधिक होता है कि खून की कमी से होने वाले रोग नहीं हो सकते।
🌾- खासतौर पर गर्भवती महिलाओं ने कैल्शियम की गोलियां खाने के स्थान पर रोज बाजरे की दो रोटी खाना चाहिए।
🌾- वरिष्ठ चिकित्साधिकारी मेजर डा. बी.पी. सिंह के सेना में सिक्किम में तैनाती के दौरान जब गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम और आयरन की जगह बाजरे की रोटी और खिचड़ी दी जाती थी। इससे उनके बच्चों को जन्म से लेकर पांच साल की उम्र तक *कैल्शियम और आयरन* की कमी से होने वाले रोग नहीं होते थे।
🌾-इतना ही नहीं बाजरे का सेवन करने वाली महिलाओं में प्रसव में *असामान्य पीड़ा* के मामले भी न के बराबर पाए गए।
🌾- डाक्टर तो बाजरे के गुणों से इतने प्रभावित है कि इसे अनाजों में *वज्र* की उपाधि देने में जुट गए हैं।
🌾- बाजरे का किसी भी रूप में सेवन लाभकारी है।
🌾*लीवर की सुरक्षा* के लिए भी बाजरा खाना लाभकारी है।
🌾- *उच्च रक्तचाप, हृदय की कमजोरी, अस्थमा से ग्रस्त लोगों तथा दूध पिलाने वाली माताओं में दूध की कमी* के लिये यह टॉनिक का कार्य करता है।
🌾- यदि बाजरे का नियमित रूप से सेवन किया जाय तो यह *कुपोषण, क्षरण सम्बन्धी रोग और असमय वृद्धहोने* की प्रक्रियाओं को दूर करता
🌾- रागी की खपत से शरीर प्राकृतिक रूप से शान्त होता है। *यह एंग्जायटी, डिप्रेशन और नींद* न आने की बीमारियों में फायदेमन्द होता है। यह *माइग्रेन* के लिये भी लाभदायक है।
🌾- इसमें लेसिथिन और मिथियोनिन नामक अमीनो अम्ल होते हैं जो अतिरिक्त वसा को हटा कर *कोलेस्ट्रॉल* की मात्रा को कम करते हैं।
🌾- बाजरे में उपस्थित रसायन पाचन की प्रक्रिया को धीमा करते हैं।
*डायबिटीज़ में यह रक्त में शक्कर* की मात्रा को नियन्त्रित करने में सहायक होता है।